कभी पीठ पीछे आपकी बात चले तो घबराना मत, क्योंकि बात तो उन्हीं की होती है, जिनमें कोई बात होती है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Blogger द्वारा संचालित.